by

Slogans on Women Empowerment

जब नारी में शक्ति सारी
फिर क्यों नारी हो बेचारी
 



नारी का जो करे अपमान
जान उसे नर पशु समान






हर आंगन की शोभा नारी 
उससे ही बसे दुनिया प्यारी




राजाओं की भी जो माता
क्यों हीन उसे समझा जाता







अबला नहीं नारी है सबला
करती रहती जो सबका भला


नारी को जो शक्ति मानो
सुख मिले बात सच्ची जानो







क्यों नारी पर ही सब बंधन
वह मानवी, नहीं व्यक्तिगत धन


सुता-बहू कभी माँ बनकर
सबके ही सुख-दुख को सहकर
अपने सब फर्ज़ निभाती है
तभी तो नारी कहलाती है





आंचल में ममता लिए हुए
नैनों से आंसु पिए हुए
सौंप दे जो पूरा जीवन
फिर क्यों आहत हो उसका मन

नारी ही शक्ति है नर की
नारी ही है शोभा घर की
जो उसे उचित सम्मान मिले
घर में खुशियों के फूल खिलें






नर सम अधिकारिणी है नारी
वो भी जीने की अधिकारी
कुछ उसके भी अपने सपने
क्यों रौंदें उन्हें उसके अपने

क्यों त्याग करे नारी केवल
क्यों नर दिखलाए झूठा बल
नारी जो जिद्द पर आ जाए
अबला से चण्डी बन जाए
उस पर न करो कोई अत्याचार
तो सुखी रहेगा घर-परिवार





जिसने बस त्याग ही त्याग किए
जो बस दूसरों के लिए जिए
फिर क्यों उसको धिक्कार दो
उसे जीने का अधिकार दो

नारी दिवस बस एक दिवस
क्यों नारी के नाम मनाना है
हर दिन हर पल नारी उत्तम
मानो , यह नया ज़माना है |



नारी सीता नारी काली
नारी ही प्रेम करने वाली
नारी कोमल नारी कठोर
नारी बिन नर का कहाँ छोर

1 comment: